यह दुनिया महावारी की ही बदौलत है,
फिर भी इस बारे में खुलकर बात करने में झिझकती है दुनिया सारी|
महावारी के दर्द से ज्यादा उन दिनाे इस समाज द्वारा दिए गए दर्द के कारण राेती है नारी|
नारी कमजोर नहीं,शक्तिशाली हैं तभी तो एक नन्ही सी जान को इस दुनिया में लाने के लिए हर महीने इतना दर्द सहती है नारी|
अपवित्र नहीं,पवित्र है नारी तभी तो पहली बार महावारी आने पर पूजी जाती है नारी|
Pooja Balot